‘मेरे सपनों का भारत’ लोकार्पण
सन्दर्भ प्रकाषन, भोपाल द्वारा कु. आद्या भारती की प्रकाषित कृति ‘मेरे सपनों का भारत’ (बाल कविता संग्रह) का लोकार्पण आज 13 मार्च, 2020 को बाल शोध केन्द्र, भोपाल में हुआ।आयोजन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व निदेशक निराला सृजनपीठ डाॅ. देवेन्द्र दीपक ने कहा कि आद्या की कविताएं समय के द्वा पर दस्तक देती कविताएं हैं। वह किशोर वय की व्यस्क कविताएं हैं। उनकी कविताएं विलाप की कविताएं नहीं हैं। व्यष्टि का समष्टि के प्रति दायित्व की व्याख्या करती कविताएं हैं। जिन विषयों को वह चुनती है, वह विषय बाल साहित्य की पत्रिकाओं में देखने में नहीं आते यह उनकी मौलिकता है।
मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. प्रकाश बरतूनिया-कुलाधिपति केन्द्रीय अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ ने कहा कि आद्या भारती एक ऐसी बाल साहित्यकार हैं, जो अपना बालपन वर्तमान में जी हरी हैं। आद्या ने राष्ट्रीय स्त तक कला, साहित्य और खेल में विभिन्न उपलब्धियां दर्ज की हैं।
विशेष अतिथि महेश सक्सेना ने कहा कि दूरदर्शन, रेडियो, समाचार पत्रों में आपकी रचनाओं ने छाप छोड़ी है। 14 वर्ष की उम्र पर उनकी कविताओं में जो चिंतन दिखाई दे हा है, निःसंदेह वह उन्हें विरासत में मिला है।
सारस्वत अतिथि अनीता सक्सेना ने अपने वक्तव्य में कहा कि आद्या की कविता ‘बिल्कुल पानी जैसे हो तुम’ बच्चे के रूप में बड़ों की कविता का अनुभव कराती हैं। इसमें आए उर्दू के शब्दों ने भी अच्छा प्रभाव छोड़ा है।
पुस्तक पर परिचर्चा वरिष्ठ बाल लेखिका डाॅ. प्रीति प्रवीण खरे ने अपने सुंदर अंदाज में पढा। वह कहती हैं कि संग्रह की पहली ही कविता हिन्दी को समर्पित है। शीर्षक है ‘यह हिन्दी है जनाब’ इसके शीर्षक की खूबी यह है कि इसे बोलचाल की भाषा के रूप में प्रयोग किया गया है। इस कविता की पंक्ति- ‘यह हिन्दी है जनाब, जो ऊंच नीच नहीं मानती/यह अपने अक्षरों को, स्माॅल और कैपिटल से नहीं जातनी। आदि सभी कविताएं अच्छी हैं। साथ ही अविन्द शर्मा ने अपने समीक्षा में कहा कि उनका यह प्रयोग इस संग्रह के शीर्षक नाम ‘मेरे सपनों का भारत’ कविता में दिखता है। आपने नागरिक, युवा शक्ति, शिक्षक, समाज, पर्यावरण, मेरा भारत शीर्षकों को एक ही कविता में स्वतंत्रा रूप से प्रयोग किया है, जो प्रशंसनीय है।
संचालन वरिष्ठ कवयित्राी अनुपमा श्रीवास्तव ‘अनुश्री’ ने किया। आभार एवं अतिथियों का स्वागत संदर्भ प्रकाशन के संचालक राकेश सिंह ने किया!
‘मेरे सपनों का भारत’ लोकार्पण सन्दर्भ प्रकाशन भोपाल द्वारा