बरेली! डीडी पुरम क्षेत्र की महिलाओं के संघर्ष और भविष्य के सफर पर बात की अवसर पर, योगाचार्य ओर रंगकर्मी मीना सोंधिया ने कहा कि आज महिलाओं की स्थिति की तुलना सैकड़ों साल पहले के हालात से की जाए तो यही कहा जा सकता है, कि महिलाएं पहले से कहीं ज्यादा सक्षम और सशक्त हुई हैं लेकिन आज भी महिलाओं का एक बड़ा तबका ऐसा भी है ,जो खुद को कमतर और दूसरों पर निर्भर मानता है, अपने पैरों पर खड़े होने के बाद भी महिलाओं को समाज की बेड़ियां तोड़ने में अभी लंबा सफर तय करना है, हजारों फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए, हजारों लोग चाहिए समुद्र बनाने के लिए, पर एक स्त्री काफी है घर को स्वर्ग बनाने के लिए
,इतनी बात कहकर अपनी बात सामाप्त की, उसके बाद राष्ट्रीय जागरण युवा संगठन द्वारा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक सभागार में महिला दिवस की पूर्व संध्या पर समाज में कर रही उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं के सम्मान समारोह में शामिल हुए इस अवसर पर मुख्य अतिथि के द्वारा उनका भी सम्मान किया गया उसके बाद अग्रसेन पार्क में फूलों की होली कृष्ण लीला के मंचन में शामिल हुई और कलाकारों से भेंट की कलाकारों के उत्साह बढ़ाने के लिए कलाकारों से उन्होंने कहा फूलों के रंग संग सब ने खेली खुशियों की होली तो बिखरे इंद्रधनुषी रंग ,सभी महिला कलाकारों को महिला दिवस की बधाई दी और उनके साथ ग्रुप फ़ोटो ग्राफ भी खिंचवाई!
एक स्त्री काफी है घर को स्वर्ग बनाने के लिए,मीना सोंधी