*इकबाल मैदान के सत्याग्रह में भोपाल के रंगकर्मियों ने जेएनयू में हुये छात्रों पर हमले एवं एनआरसी, एनपीआर एवं सीएए का विरोध दर्ज किया,भोपाल, 8 जनवरी मुद्दों से भटका कर अवाम को कुछ दिन बहलाया जा सकता है लेकिन देश को व्यवस्थित चलाने का ये मुनासिब तरीका नहीं कहा जा सकता। मुल्क में, मुल्क के ही लोगों से बेगाना व्यवहार पाना, किसी दुश्मन के हाथों कोड़े खाने के दर्द से भी ज्यादा असहनीय पीड़ा जैसा है।
इक़बाल मैदान में 1 जनवरी से जारी सत्याग्रह में मंगलवार को प्रदेश के रंगकर्मियों ने केंद्र सरकार की संविधान विरोधी काले कानून का जमकर विरोध किया गया। इस मौके पर कलाकारों ने जनगीत गाए और कविताओं के माध्यम से व्यवस्था पर सवाल उठाए। वरिष्ठ रंगकर्मी नज़ीर क़ुरेशी ने कहा कि! देश धमाकों से नहीं, अच्छी नीतियों से चलता है। सरकार मुद्दों से भटकाना चाह्ती है, हमें बुनियादी उसूलों को समझना होगा। उन्होंने कहा कि रंगकर्म को आंदोलन में समाहित करने का वक़्त है।हर दिन जुट रहे सैकड़ों*
इक़बाल मैदान पर आठ दिन से लगातार जारी सत्याग्रह के दौरान हर दिन सैकड़ों लोग जुट रहे हैं। यहां आने वालों में युवाओं की तादाद ज्यादा है लेकिन बुजुर्ग औऱ महिलाओं की भी खासी मौजूदगी है। गौरतलब है कि एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में किया जा रहा ये सत्याग्रह अनिश्चिततकाल तक जारी रहेगा। सत्याग्रह की एकसूत्रीय मांग क़ानून संशोधन का फैसला वापस लेने की है।
*मुद्दों से भटका कर दिन गुजारे जा सकते हैं, देश नहीं चल सकता*