अखिल भारतीय साहित्य परिषद की यात्रा वृतांत गोष्टी विश्व संवाद केंद्र में संपन्न हुई। अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा अक्षर ने श्री पुरुषोत्तम तिवारी साहित्यार्थी को भोपाल इकाई का महामंत्री नियुक्त किया। गोष्ठी में साहित्यिक यात्राओं के संस्मरणात्मक आलेख सुनाए गए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ साधना बलवटे ने अपने उद्बोधन में कहा की एक साहित्यकार जब यात्रा वृतांत लिखता है तो सामान्य व्यक्ति से अलग होना चाहिए यात्रा वृतांत डायरी लेखन की तरह नहीं होना चाहिए। वरन वहां के लोक जीवन रीति रिवाज भौगोलिक और ऐतिहासिक संदर्भों को शामिल करता हुआ स्वयं की अनुभूति को, दृष्टि को रोचकता से अभिव्यक्त करता हुआ होना चाहिये। उन्होंने अपने हाफलांग यात्रासंस्मरण सुनाया।मुख्य अतिथि आशा शर्मा ने मेरी अद्भुत शब्द यात्रा शीर्षक से अपनी इंग्लैंड यात्रा का वर्णन किया इसी क्रम में सुनीता यादव ने अपने कुंभ यात्रा का बहुत ही रोचक तरीके से वर्णन किया अपार जन समूह का एकत्रित होकर पूजा पाठ करना और आस्था में डूब जाने के सोपान को कुंभ का नाम दिया गया है" । कमल किशोर दुबे जी ने रेल की खुली खिड़की के माध्यम से अपने विचारों और अनुभूति को व्यक्त किया "ट्रेन की व खुली खिड़की मेरे विचारों को खुले आकाश की सैर कराती हुई कल्पनाओं के नए आयाम दे रही थी" श्री अशोक व्यास जी ने नंबरों वाला शहर शीर्षक से भोपाल की यात्रा का वर्णन किया "राष्ट्रीय स्तर पर भोपाल की पहचान गैस कांड को बहादुरी से झेलने वाले शहर के अलावा जर्दा गर्दा पर्दा के लिए हैं.... जर्दा गुटखा के पाउच में पैक हो गया और गर्दा स्वच्छता अभियान की भेंट चढ़ गया।" रमेश कुमार शास्त्री राजस्थान यात्रा का वर्णन बड़े ही अद्भुत ढंग से किया नीता सक्सेना ने कान्हा किसली जंगलों की खूबसूरती संपदा का वर्णन किया क्षमा पांडे ने जर्मनी की यात्रा दुबे जी ने सिंगापुर की यात्रा और विकास कुमार ने मन की यात्रा का वर्णन किया। श्री चरणजीत सिंह कुकरेजा मनोरमा सिंह पंकज पराग संदीप कुमार ममता वाजपेई दिनकर पाठक डीपी वाजपेई सहित अनेक साहित्यकारों ने इन यात्रा वृतांतों का आनंद लिया।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद की यात्रा वृतांत गोष्टी