बेशक हमारा मुल्क शांति का गहवारा रहा है और हमेशा रहेगा! इस देश की गंगा जमुनी तहजीब आपसी भाईचारा मिलनसरिता ,एक दूसरे के धर्म आस्था और रीति-रिवाजों का सम्मान हमारी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा रहा है! इसी की वजह से इस देश को दुनिया भर का सिरमौर माना जाता है डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम सेंटर के प्रदेश प्रमुख जावेद बैग ने गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही उन्होंने कहा कि सदियों से चले आ रहे एक विवाद पर देश की सबसे बड़ी अदालत का फैसला आ चुका है ! हिंदुस्तान ने अपनी गंगा जमुनी तहजीब और भाईचारे की हमेशा की परंपरा को निभाते हुए अदालत के इस फैसले को सिर माथे पर रख लिया है! कुछ होने वाला है की पसोपेश में मुल्क बाहर निकल चुका है! ऐसे में फैसले से असंतुष्ट होने वाले चंद लोगों ने याचिका की हवा देकर आस्थिरता की चिंगारी को भड़काने की कोशिश की है !सदियों पुरानी जिस कहानी का पटाक्षेप अदालत के फैसले से हो चुका है उसे फिर से कुरेदने की कोशिश देश को फिर से आस्थिरता के हवाले करने वाला कदम कहा जा सकता है! जावेद बेग ने कहा है कि लोगों की अकीदत और आस्थाओं के कंधों पर बंदूक रखकर सियासी निशाने का दौर अब पीछे गुजर चुका है! कई पीढ़ियों ने मंदिर मस्जिद के दर्द को भोगा है इसके बड़े नुकसान भी लोगों ने उठाए हैं लेकिन अब हालात बदल रहे हैं, नई पीढ़ी तालीम के साथ आगे बढ़ रही है रोजगार और तरक्की की सीढ़ियां चढ़ने लगी है! ऐसे हालात चंद लोगों की और दकियानूसी नजरिए ठहरे हुए हालात में फिर आस्थिरता के नजारे बना सकती है!पुनः याचिका के मायने एक बार फिर देश के माथे पर संशय की लकीरें बना देने के होंगे! फैसले को जिस सुकून शांति आपसी समझ से देश ने स्वीकार किया है, उस को बरकरार रखने की पहल की जाना ही देश की समाज की आम इंसान की तरक्की और बेहतरी का रास्ता हो सकती है!
फैसला मंजूर कर देश दे चुका एकता का पैगाम फिर अस्थिर ना हो मुल्क : बेग