भोपाल| मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय मेंलाइब्रेरी एडूकेर्स कोर्स 2019 बैच के समापनअवसर पर आज 'राग विराग' अंतर्गत गुंदेचाबंधुओं ने गायन प्रस्तुति संग्रहालय सभागार मेंप्रस्तुत की| गुंदेचा बंधुओं ने अपने गायन कौशल से भारतीयशास्त्रीय संगीत की प्राचीन विधा की अनमोलप्रस्तुति दी| यह प्रस्तुति सुर, ताल और अध्यात्मका अनोखा मिलान रही| गुंदेचा बंधुओं ने रागभूपाली में 'गणेश वंदना' से प्रस्तुति की शुरुआतकी| वंदना के पश्चात राग यमन और राग बागेश्रीमें गायन प्रस्तुत कर सभागार में मौजूद श्रोताओंको मंत्रमुग्ध कर दिया| उमाकांत गुंदेचा ने अपनेसाथी कलाकारों के साथ राग चारुकेशी में कबीरका पद 'झीनी-झीनी बीनी चदरिया' प्रस्तुत करतेहुए अपनी गायन प्रस्तुति को विराम दिया| गायनप्रस्तुति के दौरान गायन में उमाकांत गुंदेचा औरअनंत रमाकांत गुंदेचा ने, पखावज पर अखिलेशगुंदेचा ने और तानपुरे पर मिनेश गौर औरसौपर्णो पात्रा ने सहयोग किया|